कंपनी प्रबंधन के द्वारा हो रहे मजदूरों के शोषण और दुर्व्यवहार के खिलाफ आंदोलन रहेगा जारी : अरविंद सिंह
संवाददाता गम्हरिया ।
औद्योगिक क्षेत्र गम्हरिया स्थित आरडी रबर कंपनी प्रबंधन के वादा खिलाफी तथा मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के विरोध में सोमवार से सभी कामगार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इस दौरान कंपनी के सभी स्थायी और अस्थायी कामगार मुख्य गेट के समक्ष प्रदर्शन कर धरना पर बैठ गए। इन हड़ताली मजदूरों को कोल्हान मजदूर यूनियन ने भी अपना समर्थन देते हुए प्रबंधन ने अविलम्ब उनकी मांगों को पूरा करने की मांग किया है। इस अवसर पर कोल्हान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सह ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने कहा कि प्रबंधन के मनमानी रवैया के खिलफ कोल्हान मजदूर यूनियन मजदूरों के साथ खड़ा है ,जब तक मजदूरों का हक और अधिकार नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। विदित हो कि कंपनी प्रबंधन द्वारा लोकसभा चुनाव के दिन मजदूरों को छुट्टी दिए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ जो गहराता गया और अंततोगत्वा उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा। इससे पूर्व उंक्त कंपनी के कई मजदूरों द्वारा कोल्हान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सह ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए उनसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई। तत्पश्चात, कोल्हान मजदूर यूनियन के समर्थन के बाद मजदूरों ने हड़ताल करते हुए आज गेट जाम कर दिया। इस मौके पर यूनियन के महामंत्री बसंत कुमार ने बताया कि कंपनी प्रबंधन स्थाई और अस्थाई मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है। प्रबंधन द्वारा मजदूरों को ना तो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है और ना ही पीएफ, ईएसआई, सुरक्षा उपकरण आदि की सुविधाएं दी जा रही है। मजदूरों को उनके हक और अधिकार से बंचित किया जा रहा है। मजदूरों ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सवैतनिक छुट्टी दिए जाने की घोषणा के बाद मतदान के दिन अवकाश मांगे जाने पर कंपनी के एचआर प्रमुख द्वारा मधुवा सोरेन, उदय कांत झा समेत अन्य मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किया। साथ ही, उदय कांत झा नामक मजदूर को चार्ज सीट थमा दिया गया। उन्होंने बताया कि कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। रबड़ बनाने वाले कंपनी में उपयोग होने वाले रेजिन पाउडर का मजदूरों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव होता है। इसके बावजूद प्रबंधन द्वारा उन्हें कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराया जाता है। यहां तक कि मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच भी प्रबंधन द्वारा नहीं कराई जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1896 में कंपनी का टर्न ओवर 221 मीट्रिक टन था जो बढ़कर अब करीब 21 हजार मीट्रिक टन हो गया है। इसके बावजूद मजदूरों द्वारा अपनी मांगे मांगे जाने पर उन्हें बताया जाता है कि कंपनी घाटे में चल रही है। इसके अलावा कंपनी के कई मजदूर वर्षों पूर्व सेवानिवृत्त हो गए जिसमे कई मजदूरो की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद, प्रबंधन द्वारा उन्हें या उनके परिजनों को सेटलमेंट का भुगतान अभीतक नही किया गया है।इन सभी समस्याओं से त्रस्त होकर समस्याओं को लेकर मजदूरों ने आज से विरोध का बिगुल फूंका है। इस मौके पर मजदूर नेता अशोक उर्फ बबुआ मिश्रा समेत कंपनी के करीब 270 मजदूर मौजूद थे।