जमशेदपुर: श्री विरंची महतो के पिता जगन्नाथ महतो मूल रूप से ईचागढ़ प्रखंड के सोडो पंचायत के सोडो गांव के निवासी हैं यह साधारण किसान परिवार से संबंध रखते हैं इनका जीवन यापन कृषि पर निर्भर करता है यह अपने निजी एवं अन्य खेत पर केवल धान की खेती करते हैं एवं मनरेगा के श्रमिक का कार्य करते हुए अपना परिवार का भरण-पोषण करते थे श्री महतो बताते हैं इससे उन्हें परिवार चलाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में पंचायत एवं प्रखंड प्रशासन मनरेगा से इन्हें एक सिंचाई को के योजना से उनका मेहनत का ही नतीजा था कि एक ही वित्तीय वर्ष में उन्होंने अपना सिंचाई की योजना को पूर्ण कर दिया क्योंकि वह खुद भी मनरेगा श्रमिक है तो उन्हें पता है योजना को यदि समय सारणी के अनुसार पूर्ण नहीं किया जाए तो काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बारिश से पूर्व योजना पूर्ण नहीं करने की स्थिति में सिंचाई कूप धस भी सकता है और एक बार कूप धस जाए तो फिर काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
अंतत योजना पूर्ण कर लिया,सिंचाई के सामने खाली पड़ी जमीन पर जहां पहले पानी के भाव में कुछ भी खेती करना संभव नहीं था अब श्री विरंची महतो एवं उनके परिवार के द्वारा वहां खेती करना प्रारंभ कर दिया।धीरे-धीरे खाली पड़ी एक एकड़ से अधिक जमीन पर मौसम आधारित खेती की जाने लगी वर्तमान में वहां मिर्च, टमाटर,फूलगोभी आदि खेती की गई है।श्री महतो बताते हैं कि सब्जियां ले जाकर साप्ताहिक बाजार में बेचते हैं जिसके उनको प्रति सप्ताह ₹3500 से ₹4000 की आमदनी हो जाती है मनरेगा से निर्मित सिंचाई रूप से उनके जीवन स्तर मे अविश्वसनीय सुधार हुआ है।अब उनको और उनके परिवार को कहीं बाहर काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी मनरेगा सिंचाई कूप से लाभान्वित होकर लाभूक बहुत खुश हैं।