चांडिल
सोनारी हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद लापता हुए दो सीट वाले विमान में सवार ट्रेनी पायलट और पायलट का शव गुरुवार को चांडिल डैम से बरामद किया गया, जबकि विमान की तलाश अब भी जारी है। विशाखापत्तनम से आई नौसेना की 19 सदस्यीय टीम लापता विमान की तलाश में लगातार जुटी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों शवों का पोस्टमार्टम महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जमशेदपुर में किया गया। इसके बाद परिजनों को सौंप दिया गया। पायलट आनंद का शव उनके परिजन रात में ही लेकर कर पटना के लिए रवाना हो गया। पायलट आनंद अविवाहित थे। उनके पिताजी आरपीएफ के कमांडेंट से सेवानिवृत हैं और दादाजी डीएसपी पद से सेवानिवृत हुए थे। विदित हो कि सोनारी हवाई अड्डे से मंगलवार को उड़ान भरने के बाद विमान लापता हो गया था, जिसके बाद चांडिल जलाशय सहित आसपास के इलाकों में तलाश अभियान जारी था। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार एक विमान जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली थी। निजी विमानन कंपनी का प्रशिक्षण विमान ‘सेसना-152’ का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका और खोज जारी है। चांडिल की अनुमंडल अधिकारी शुभ्रा रानी ने बताया कि ‘खराब मौसम के कारण शाम छह बजे तलाश अभियान बंद कर दिया गया। विमान का पता नहीं चल पाने के कारण इसे कल फिर से शुरू किया जाएगा। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी), उड़ान प्रशिक्षण निदेशालय (डीएफटी) और उड़ान योग्यता निदेशालय (डीएडब्ल्यू) के साथ घटना की जांच शुरू कर दी है।
उड़ान का समय एक घंटा निर्धारित था
‘वीटी-टीएजे’ के रूप में पंजीकृत विमान का स्वामित्व और संचालन करने वाली कंपनी ‘अल्केमिस्ट एविएशन’ ने एक बयान में कहा कि दुर्घटना के कारणों के बारे में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा। इसने कहा, ‘विमान में 80 लीटर ईंधन था और यह साढ़े चार घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम था तथा उड़ान का समय एक घंटा निर्धारित था।
बयान में कहा गया कि मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11.10 बजे विमान का संपर्क जमशेदपुर हवाई नियंत्रण कक्ष (एटीसी) से टूट गया था
‘अल्केमिस्ट एविएशन’ के अनुसार विमान डीजीसीए द्वारा जारी उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र के साथ उड़ान योग्य स्थिति में था और इसमें मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) द्वारा निर्मित इंजन लगाया गया था।
बयान में कहा गया कि अमेरिकी कंपनी ‘लाइकमिंग इंजन’ के इंजन से युक्त इस विमान का संचालन काल 30,000 घंटे का होता है, जिसमें से इसने केवल 16,000 घंटे पूरे किए थे।