सरायकेला : समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त रीना हांसदा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी सहित समिति के अन्य जिला स्तरीय सदस्यगण एवं संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार पट्टों के अंचलवार लंबित आवेदनों की समीक्षा की गई तथा लंबित मामलों के निष्पादन को प्राथमिकता देते हुए, उनके त्वरित निपटान एवं जिला स्तर पर समेकित सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
बैठक के उपरांत उप विकास आयुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में कुल 06 व्यक्तिगत वन अधिकार (Individual Forest Rights ) एवं 07 सामुदायिक वन अधिकार (Community Forest Rights) से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन सभी आवेदनों में जांचोपरांत नियमानुसार सभी योग्य लाभुकों को वन पट्टा निर्गत कर योजना का लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही उप विकास आयुक्त ने निर्देशित किया कि योजना के प्रचार-प्रसार हेतु व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि जिले के सभी अंचलों से अधिकाधिक आवेदन प्राप्त हो सकें एवं वंचित पात्र लाभुकों को योजना का लाभ सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर समेत विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किए जाने की बात कही गई।
*वन अधिकार अधिनियम 2006 के उद्देश्य:*
वन भूमि पर परंपरागत रूप से निर्भर अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य परंपरागत वनवासी समुदायों को उनके आवास एवं आजीविका हेतु अधिकार प्रदान करना। इसके अंतर्गत दो प्रकार के अधिकार दिए जाते हैं:
व्यक्तिगत वन अधिकार (IFR): पात्र परिवारों को उनके कब्जे की वन भूमि पर स्वामित्व का अधिकार।
सामुदायिक वन अधिकार (CFR): ग्राम समुदाय को सामूहिक रूप से वन संसाधनों के संरक्षण, उपयोग एवं प्रबंधन का अधिकार।