आदित्यपुर:
कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। दुष्यंत कुमार कि यह कविता को चरितार्थ कर आदित्यपुर के एक गरीब परिवार का बेटा हरीश सोनकर ने साबित कर दिया है। हरीश आर्थिक तंगी को झेलते हुए बिना कोचिंग और ट्यूशन का जेईई मेंस क्लियर कर यह साबित कर दिया है कि कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। हरीश आदित्यपुर थाना रोड में फुटपाथ पर फल दुकान और पूजा सामग्रियां बेचनेवाला मनोज सोनकर के बड़ा बेटा है। हरीश सोनकर ने जेईई मेंस में सफलता हासिल की है। वह ऑल इंडिया रैंकिंग में 1 लाख 93 हजार 226 वां रैंक हासिल किया है। डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर के छात्र हरीश ने कभी कोई कोचिंग नहीं ली।सेल्फ स्टडी और अनुशासन को हरीश ने अपनी सफलता का राज बताया। उसने कहा कि माता- पिता उसके आदर्श हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के बाद भी माता- पिता ने उसके साथ अन्य एक भाई और एक बहन को अंग्रेजी मीडियम के स्कूल में दाखिला कराकर उन्हें भी अच्छी तालीम दिला रहे है। हरीश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पेरेंट्स और गुरु जन को देते हुए कहा कि बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगे और एक आईएएस ऑफिसर बनकर देश के सेवा करने का लक्ष्य है। बता दें कि हरीश का एक छोटा भाई विश्वनाथ सोनकर डीएवी एनआईटी में 12 वीं का छात्र है, जबकि बहन महिमा सोनकर भी डीएवी एनआईटी में 10 वीं की छात्रा है। दोनों पढ़ने में काफी होनहार हैं। तीनो के परवरिश में पिता ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। छोटी सी दुकान से पूरे परिवार का भरण- पोषण करते हुए अच्छी तालीम देना वाकई बड़ी उपलब्धि है। मनोज के बेटे की इस उपलब्धि पर बाजार के दुकानदारों में भी खुशी है। सभी मनोज एवं उसके बेटे को बधाई देने पहुंच रहे हैं।