रांची : हेमंत सोरेन सरकार के नए मंत्रिमंडल का गठन जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश के साथ किया गया है। इसमें कुल 11 मंत्रियों ने शपथ ली है। मंत्रिमंडल में एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और एससी समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया गया है, लेकिन अगड़ी जातियों को जगह नहीं मिली है। एसटी कोटे से दीपक बिरूआ, चमरा लिंडा, रामदास सोरेन और शिल्पी नेहा तिर्की को मंत्री बनाया गया है। ओबीसी कोटे से संजय प्रसाद यादव, दीपिका पांडेय सिंह, योगेंद्र प्रसाद और सुदिव्य कुमार सोनू को स्थान मिला है। अल्पसंख्यक समुदाय से डॉ. इरफान अंसारी और हफीजुल हसन को शामिल किया गया है। वहीं, एससी कोटे से राधाकृष्ण किशोर को जगह दी गई है।
क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखते हुए पांचों प्रमंडलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। संथाल परगना से सबसे अधिक चार मंत्री शामिल किए गए हैं, जिनमें हफीजुल अंसारी, डॉ. इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह और संजय प्रसाद यादव शामिल हैं। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी संथाल परगना से हैं।
पलामू प्रमंडल से राधाकृष्ण किशोर, कोल्हान से रामदास सोरेन और दीपक बिरूआ, दक्षिणी छोटानागपुर से चमरा लिंडा और शिल्पी नेहा तिर्की तथा कोयलांचल से सुदिव्य कुमार सोनू और योगेंद्र प्रसाद को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। यह मंत्रिमंडल राज्य के विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों को संतुलित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करता है, हालांकि अगड़ी जातियों की अनुपस्थिति एक प्रमुख चर्चा का विषय है।