घाटशिला :सोना देवी विश्वविद्यालय के फ्रेशर्स वीक आगाज 3 के चौथे दिन संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापक कुमारी निकिता ने आज नए नामांकित छात्र छात्राओं को प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से भारतीय ज्ञान की समृद्ध धरोहर, इसकी ऐतिहासिक उत्पत्ति और आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी. इस पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध पहलुओं जैसे – वेद, उपवेद, ब्राह्मण, आरण्यक,उपनिषद,कल्प (श्रौतसूत्र, गृह्यसूत्र, धर्मसूत्र तथा शुल्बसूत्र) खगोल शास्त्र, गणित महापुराण उपपुराण, वेदांग, आदिकाव्य रामायण, महाभारत, अर्थशास्त्र, धर्मग्रंथ, महाकाव्य, गीति काव्य, नाटक तथा भारतीय ज्ञान प्रणाली जैसे ग्रंथों का समग्र रूप से अध्ययन इस पाठ्यक्रम के भीतर किया जाएगा. कुमारी निकिता ने बताया कि इस कोर्स के माध्यम से भारतीय ज्ञान के प्राचीन तत्वों को समझ कर इन्हें हम अपने आधुनिक जीवन में कैसे लागू करें इस बात पर विचार करना है. इन्होंने इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए छात्र छात्राओं से कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का अध्ययन करना, भारतीय ज्ञान परंपरा के इतिहास और विकास को समझना, भारतीय शास्त्रों और ग्रन्थों की विशेषता को समझना, भारतीय विज्ञान गणित और चिकित्सा के योगदान को जानना मुख्य उद्देश्य है. यह पाठ्यक्रम न केवल भारतीय संस्कृति तथा इतिहास को जानने में सहायता प्रदान करेगा बल्कि यह हम सभी के ज्ञान के दायरे को भी विकसित करेगा जिससे हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकेंगे.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में छात्र छात्राओं ने गीत संगीत और फिल्मी गीतों पर नृत्य के माध्यम से अपने व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं का परिचय दिया. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय समाज में आदिकाल से ही मानव समाज में गीत संगीत की प्रधानता रही है और कई अवसरों पर लोग अपने भाव और संवेग का प्रदर्शन करने के लिए इस तरह का आयोजन करते हैं.