रांची। सरायकेला के विधायक, पूर्व परिवहन मंत्री और झारखंड टाइगर चंपई सोरेन ने शुक्रवार को रांची स्थित राजभवन में मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया। इसके अलावा कांग्रेस कोटा से पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और राजद कोटा से पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी शपथ ग्रहण किया। झारखंड के राज्यपाल राधा कृष्णन ने यह तीनों को मंत्री पद एवं गोपनीयता का शपथ दिलाया।
कौन हैं चंपई सोरेन ?
चंपई सोरेन अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में भाग लिया था। चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिला स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। चंपई सोरेन झारखंड टाइगर के नाम से लोकप्रिय हैं। इन्हें टाइगर की उपाधि 2016 में तब मिली थी, जब इन्होंने 1990 में टाटा स्टील के अस्थायी श्रमिकों के लिए अनिश्चितकालीन गेट जाम आंदोलन किया था और लगभग 1700 ठेका मजदूरों की कंपनी में स्थायी प्रतिनियुक्ति कराई थी।
हमेशा से मजदूरों की लड़ाई लड़ते रहे हैं चंपई सोरेन
चंपई सोरेन ने राजनीति के क्षेत्र में मजदूर आंदोलन से ही कदम रखा था। इस आंदोलन के बाद यह धारणा बन गई थी कि चंपई जहां भी आंदोलन का नेतृत्व करेंगे, वहां जीत मिलेगी। झामुमो सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री चंपई कभी विवादों में नहीं रहे हैं। पार्टी में शिबू सोरेन के बाद सबसे ज्यादा आदर इन्हीं को मिलता है।