ईचागढ़ के पूर्व विधायक सह कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने कहा , मजदूरों अपने हक व अधिकार की लड़ाई लड़ो हम तुम्हारे साथ हैं। उन्होंने कहा की श्रमिक संगठन एक साथ होकर और मजदूर एकजुट होकर संघर्ष करेंगे तो लड़ाई जरूर जीतेंगे और आपका अधिकार दिलाकर रहेंगे। इसके लिए सिर्फ मजदूरों का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठन प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन या काम करना नहीं चाहती है बल्कि प्रबंधन, स्थानीय प्रशासन और मजदूरों के बीच श्रमिक संगठन एक समन्वय स्थापित कर मजदूरों का उचित अधिकार और हक दिलाने का काम करेंगे। वे कोल्हान मजदूर यूनियन के बैनर तले रविवार को आदित्यपुर स्थित जयप्रकाश उद्यान में आयोजित मिलन समारोह सह वनभोज में बोल रहे थे। उन्होंने कहा आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां लाखों की संख्या में मजदूर काम कर रहे हैं लेकिन आज तक उनका न्यूनतम मजदूरी भी भुगतान नहीं हो रहा है। मजदूरों के चिकित्सा, शिक्षा और प्रशिक्षण इत्यादि की कोई सुविधा नहीं है। पहले से जो शिक्षा व्यवस्था शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था था उसमें भी अब प्रबंधन कटौती कर रही है। इस पर भी यहां के राजनीतिक नेताओं, ट्रेड यूनियन के नेताओं और श्रमिक पदाधिकारी का कोई प्रतिक्रिया नहीं है। इसको देखते हुए कोल्हान मजदूर यूनियन के द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों को संगठित कर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रबंधन के शोषण से मजदूरों को मुक्ति दिलाया जा सके।
कंपनी बंद हो रही थी और प्रबंधन कर रहा था बहाली
टायो कंपनी की कहानी बताते हुए अरविंद सिंह ने कहा कि जब कंपनी बंद होनेवाली थी तब प्रबंधन की ओर से बहाली निकाली गई थी। मशीनों को खरीदने का काम किया जा रहा था। ऐसे में मजदूरों की क्या दुर्दशा होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
झारखंड का आयरन ओर माइंस बंद
कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने कहा कि आज ओडिशा में आयरन ओर की माइंस चल रही है, लेकिन झारखंड का क्यों बंद कर दिया गया है। यह सरकार की कैसी व्यवस्था और पॉलिसी है। उन्होंने इसपर सवाल भी उठाया।
खरकई नदी के किनारे रूंगटा स्टील का अतिक्रमण
अरविंद सिंह ने कहा चाईबासा के पास खरकई नदी के किनारे की जमीन पर रुंगटा स्टील अतिक्रमण कर लिया है, जिससे नदी का स्वरूप बिगड़ गया है। साथ ही कंपनी का प्रदूषण पूरी तरह से नदी में बह रहा है, जिसका असर जनमानस से लेकर पर्यावरण पर पड़ रहा है, लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है। इसके खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा।
बंगलुरू में 156 मजदूरों ने कर ली आत्महत्या
ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने कहा कि कार्यालय का वर्क लोड के कारण बंगलुरू शहर के एक थाना के अंतर्गत 156 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। इसका कारण यह है कि 8 घंटे की बजाए मजदूरों से 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है। ऐसे में मजदूर तनावग्रस्त हो जाते हैं।
आने वाला दिन है संघर्ष का
वनभोज समारोह में अरविंद सिंह ने कहा कि आने वाला दिन मजदूरों के लिए संघर्ष का है। इसके लिए उन्हें रणनीति बनानी होगी, बैठक करनी होगी, सेमिनार का आयोजन करना होगा, घरों से निकलना होगा और एकजूटता दिखानी होगी। कहा कि अगर कहीं पर अच्छा काम हो रहा है तो उसे प्रोत्साहित करना चाहिए और कहीं काम ठीक नहीं हो रहा है तो मिलकर उसे ठीक करवाने का भी काम करना चाहिए।
50%/ 60% उद्योगों में मजदूरों को नहीं मिल रही है न्यूनतम मजदूरी ।
कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने कहा कि 50%/ 60% उद्योगों में मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है। मजदूरों को सरकार से मिलनेवाली सरकारी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है। फिर भी किसी भी नेता की किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। प्रशासन भी खामोश है।
एक-एक कर बंद हो रही हैं कंपनियां
कोल्हान में अबतक कई कंपनियां एक-एक कर बंद हो गई हैं। इसमें कांड्रा ग्लास फैक्ट्री, तार कंपनी, केबुल कंपनी, अभिजीत स्टील कंपनी समेत कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं। इसे लेकर किसी तरह की आवाज नहीं उठ रही है।
इन्होंने समारोह को किया संबोधित
समारोह को झारखंड वर्कर्स यूनियन के महासचिव ओम प्रकाश सिंह, बसंत कुमार, जगदीश नारायण चौबे. एआईटीयूसी के बीएन सिंह, एसएन सिंह, टायो संघर्ष समिति के अजय कुमार शर्मा, केके त्रिपाठी, चंदन सिंह, आलोक चटर्जी, होनी सिंह मुंडा, रीना सिंह, मीरा तिवारी, शशि आचार्या, शिखा चौधरी, सोखेंन हेंब्रम आदि ने संबोधित किया। जबकि मुख्य रूप से वीरेंद्र सिंह, भगवान सिंह, शंकर सिंह, ऋषि मिश्रा, विजय सिंह, बबुआ मिश्रा, सावन मिश्रा सहित सैकड़ो की संख्या में कामगार उपस्थित थे।